ई रिक्शा मालिक ने रोते हुए अपना दर्द किया बयां :-  *मैं किसी मंत्री का रिश्तेदार होता तो पुलिस खोई हुई भैंस और कुत्ते का बच्चा भी ढूंढ लेती - पीड़ित* कानपुर के

ई रिक्शा मालिक ने रोते हुए अपना दर्द किया बयां :- 
*मैं किसी मंत्री का रिश्तेदार होता तो पुलिस खोई हुई भैंस और कुत्ते का बच्चा भी ढूंढ लेती - पीड़ित*


कानपुर के थाना गोविंद नगर में चोरी की रिपोर्ट दर्ज होने के आठ दिन बाद भी अभी तक पुलिस द्वारा ई रिक्शा बरामद न करवाए जाने से आहत ई रिक्शा मालिक द्वारा अपने ई रिक्शा की संपूर्ण जानकारी देते हुए उसकी फोटो के साथ गुमशुदा ई रिक्शा की तलाश के बाबत पूरे शहर में घूम घूम कर हर ई रिक्शा चालक, मिस्त्री, डीलर व कारखानों में स्वयं जाकर बरामदगी में सहयोग की विनती करते हुए पर्चे बांटे जा रहे हैं। शहर के दुकानों व चौराहों पर ये पर्चे देने के साथ ही पुलिस थाना पुलिस चौकियों एवं जहां कहीं भी क्षेत्र में कोई भी पुलिस कर्मी दिखाई देता है उससे ई रिक्शा का विवरण बताकर बरामदगी का अनुरोध करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार दबौली निवासी निस्वार्थ सामाजिक सेवा में तत्पर रहने वाले (जिला प्रशासन द्वारा कई विषयों पर सम्मानित) ई रिक्शा मालिक कान्ति शरण निगम का निजी ई रिक्शा जो कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त था जिसकी कीमत सवा दो लाख रुपए बताई जा रही है। वह बीते 3 फरवरी को टेंपो स्टैंड चौराहे से भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी कर लिया गया था, काफी मशक्कत के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। पीड़ित के मुताबिक पहले दिन से ही पुलिस की निष्क्रियता से वे स्वयं ही भागदौड़ करके जहां कहीं भी संभव आशंका होती है वहां संपर्क करते हैं। ई रिक्शा चोरी हो जाने से भयंकर आर्थिक क्षति के शिकार हुए पीड़ित की इस कार्य में सहयोग करते हुए कई व्यापारी व सामाजिक क्षेत्र के व्यक्ति द्वारा इन्हें पर्चे व पोस्टर आदि बनाकर दिए गए हैं और वे इन्हें हर संभव मदद का आश्वासन भी दे रहे हैं। मीडिया द्वारा पूछे जाने पर पुलिस की निष्क्रियता से असंतुष्ट हो उन्होंने रोते हुए अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि यदि मैं किसी मंत्री या सांसद का रिश्तेदार होता तो पुलिस खोई हुई भैंस और कुत्ते का बच्चा भी ढूंढ कर अबतक बरामद कर चुकी होती। पीड़ित के इन शब्दों में दर्द तो साफ झलकता ही है पर ये वर्तमान कानून व्यवस्था पर एक सवालिया निशान भी है कि आर्थिक रूप से कमजोर पीड़ित की मदद पुलिस और प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है ऐसे कई मामले पूरे उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं जो कि बेहद शर्मनाक है। सरकार द्वारा गरीबों के हित में कार्य करने के प्रशासन को दिए गए आदेश का पालन होता कहीं भी दिखाई नहीं देता।